वह भी कोई देश है महाराज 2: अनिल यादव
कथेतर / Non-Fictionहम दोनों को ही जोरदार पूर्वाभास था कि कहाँ जाना है और वहाँ हमारा स्वागत करने वाले लोग कौन होंगे. …लेकिन स्टेशन से बाहर निकलते ही सबसे पहले तामुल खाना चाहता था. इस नशीली सुपारी से मेरा बचपन से भय, जुगुप्सा, अपराध बोध और आकर्षण का संबंध रहा है. सबसे पहले इस तामुल ने ही […]