आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

All entries by this author

विधि का विधान: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

गिरीश के लिये श्याम के सपने स्वर्ग के फाटक पर रामधन खड़ा है अन्दर जमना सफ़ेद कपडे पहने हुए एकदम शांत गंभीर फाटक के ऊपर आपने वो जो नाल दिखायी थी घोडे की वो नाल जड़ी हुई है दूर क्षितिज से एक लकीर की तरह रास्ता चला जा रहा है उसी पे तन्ना घिसटते हुए […]



अनोखी सती कथाएँ और एक ‘अवध्य’ पुस्तक: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

एक किताब पर लिखने के बारे में लिखने की कोशिशें झूमा सती मिथराऊ नाम का एक गाँव था. आजकल पाकिस्तान में है. वहाँ के निवासी बलूची लोगों के हमलों से इतना डर गये कि उन्होंने सोचा यदि हमारे गाँव के लिये कोई सती हो जाये तो शायद उसी के तेज से बलूच डर जायें. पर […]



अमिताव घोष और उनका उपन्यास सी ऑफ पॉपीज (अफीम का सागर): प्रभात रंजन

कथेतर / Non-Fiction

अमिताव घोष अंग्रेजी में लिखने वाले समकालीन भारतीय लेखकों में प्रथम पंक्ति के लेखकों में गिने जाते हैं। सलमान रूश्दी और विक्रम सेठ के साथ घोष को उन लेखकों में गिना जा सकता है जिनके उपन्यासों ने भारतीय अंग्रेजी लेखन की विष्वव्यापी पहचान स्थापित की। सी ऑफ पॉपीज उनका सातवां और अब तक का सबसे […]



When Beasts Get Into Language: K. Satchidanandan

कविता / Poetry

DAUGHTER (To Sabitha, suffering from Multiple Sclerosis) I see my thirty-year old daughter again as a six-month old. I bathe her, wash away the dust and muck of thirty years. Now she glistens like a short Amichai poem in the liquid glow of Heaven. The little towel gets wet with Time. Beethoven raises his more […]



8 Malayalam Poets in Santosh Alex’s Translations

कविता / Poetry

Before the Sacrifice: Pavithran Theekooni In the morning your knife will win over me Cut into pieces I will be hung With bloody hands you will be counting the coins Depending on the possibility of sale you keep on changing my name and selling me For this cheating after the sacrifice I may forgive you […]



अपने मूल निवास का यही तिलिस्म है: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

पानी गिर रहा है पानी गिर रहा है बरसात की जगह – जहाँ मैं रह रहा हूँ बरसात का मेरा घर बरसात की मेरी सड़क बार बार भींगते हुए बरसात का मूल निवासी । अरी! बरसात की गीली चिड़िया पंख फड़फड़ा शाखा पर भीगते बैठी रह अभी आकाश बरसात का है पानी के बंद होते […]



सरेनिटी का संगीत: भारत भूषण तिवारी

कथेतर / Non-Fiction

काबुल नदी में कपड़े धोती औरतें न्यू यॉर्क टाईम्स में एक तस्वीर 15 नवम्बर 2001 कल वे थीं, काली पुती खिड़कियों वाले घरों में ठुँसी हुईं आज, वे घूमती हैं इस नदी के किनारे रेन्वा की पेंटिंग में बतियाती औरतों की मानिंद. बैंगनी, चटख हरे, नारंगी रंग-बिरंगे कपड़ों का अक्स पानी में पड़ता है, ऊपर […]



विष्णु खरे की कविता ‘जो मार खा रोईं नहीं’ का एक ख़याल-पाठ: गीत चतुर्वेदी

कथेतर / Non-Fiction

हिंदी कविता के पारंपरिक काव्‍य-आस्‍वादन-पठन-अभिरुचियों की रूढ़ता को विष्‍णु खरे की कविता जिस तरह-जितनी बार-जितने तरीक़ों से तोड़ती है, उनकी कविता के बारे में उतने ही रूढ़ शब्‍द-क्रम में बात की जाती है- मसलन वह रूखे गद्य के कवि हैं, तफ़सीलों का बोझ उनकी कविता को दोहरा कर देता है, ‘अगर कुछ कम कहते या […]



The City and (Im)Passivity: Nitasha Kaul

कथेतर / Non-Fiction

Cities are often seen as sites of exaggerated movement – as busy and bustling places of constant activity – where neon signs flash, cars honk, and people jostle in crowds. In contrast, the images I’ve chosen for this photo-essay deliberately begin with the ‘Stop’ sign; they convey the city through stillness. The subjects of these […]



खूबसूरत टैंकों के देश में जहाँ सरस्वती को हाकडा कहते हैं: प्रेम चन्द गांधी

कथेतर / Non-Fiction

पिछली बार मैं यहाँ दिसम्बर की कड़कड़ाती ठण्ड में आया था। उस वक्त फलों और सूखे मेवे की पेटियां लिए कुली दौड़ते चले आ रहे थे। नीली वर्दी में भारतीय और में पाकिस्तानी कुली। इस बार बस इक्का-दुक्का कुली नजर आ रहे हैं। पहले भारतीय सीमा पर हुई जाँच के बाद पाक सीमा पर एक […]