आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

All entries by this author

शिवमूर्ति-संगत: प्रभात रंजन

कथेतर / Non-Fiction

प्रभात अभी हाल में नया ज्ञानोदय में आपका उपन्यास आखिरी छलांग प्रकाशित हुआ. उसको पढ़ते हुए लगता है जैसे गांव का जो स्वप्न है वह टूट गया है. पूंजीवादी यथार्थ के सामने उसने सरेंडर कर दिया है. आज गांव का एक खाता-पीता किसान भी खेती के बूते अपने बच्चों को चाहे भी तो बेहतर शिक्षा […]



एक नये अनृत का प्रस्ताव: मदन सोनी

कथेतर / Non-Fiction

औपन्यासिक वास्तविकता और औपन्यासिक कल्पना: – पहली जो शुद्ध बौद्धिक वस्तु है; भाषादैहिक है; पाठ है; पठन, मनन, चर्वण, व्याख्या, के अधीन है; जिसमें भाषा एक विशिष्ट फलन में सक्रिय है; जिसमें भाषेतर पदार्थ-जगत के साथ भाषा का एक अद्वितीय सम्बन्ध विकसित है; जिसका अपना एक अभिसमय, अपनी एक वंशावली है जो उसकी पहचान का […]



The God of Global Village (An Excerpt from the Novel): Ranendra

कथा / Fiction

Several months passed after the agreement but there were no visible signs of implementation. The bigger companies like Shindalco had filled two or three abandoned mines by the road as window-dressing. Some of the important Asur youths like Rumjhum, Soma and Bhikha were given jobs in the office but they did not look particularly happy. […]



गति के महाआख्यान में फुर्सत का खंड: हिमांशु पण्ड्या

कथेतर / Non-Fiction

मित्रो, अस्सी का अपना शब्द कल्पद्रुम है- दुनिया जानती है। इसके पास और कुछ नहीं, शब्दों की ही खेती है। वह इसी फसल के अन्न का निर्यात करता है देश-विदेश में। आज से पचास साल पहले अपने ‘फार्म हाउस’ में उसने दो शब्द उगाए थे- ‘व्यवस्था’ और ‘कार्यक्रम’। कार्यक्रम उसे अपने काम का नहीं लगा। […]



Journeys of No Return: Trina Nileena Banerjee

कथेतर / Non-Fiction

Exile and Travel in the Films of Ritwik Ghatak Edward Said writes in his essay ‘Reflections on Exile’: “Exile is strangely compelling to think about but terrible to experience. It is the unhealable rift forced between a human being and a native place, between the self and its true home: its essential sadness can never […]



नोबडीज़ डिट्रॉइट: फिलिप लवीन

कथेतर / Non-Fiction

मैंने डिट्रॉइट 1954 में छोड़ा था. तब मैं छब्बीस साल का था और मैंने अंग्रेज़ी में बीए कर रखा था. मैंने वह नौकरी छोड़ी जो मुझे पसंद थी, हर साइज़ की इलेक्ट्रिक मोटरें सुधारने वाली एक कम्पनी के लिए “ट्रक चलाना” – जैसा कि उन दिनों कहा जाता. वह नौकरी मुझे ताज़ा  हवा में ले […]



Private Faces in Public Spaces: Amitava Kumar

कथेतर / Non-Fiction

The Art of Anunaya Chaubey Through my teenage years, I went to school in Patna. The school was called St. Michael’s High School, its buildings dwarfing the small houses around it, the walls of the school going down to the Ganges. Classes were held in English, though that changed later. St. Michael’s was run by […]



जाना नहीं दिल से दूर: भूतनाथ

कथा / Fiction

(A Tribute to Dev Anand, Sunset Boulevard & Moby Dick) आप मुझे पाणिनि बुला सकते हैं. उस समय कॉलेज में मेरा दूसरा साल ख़तम हो आया था लेकिन और दोस्तों की तरह कुछ छोटी मोटी नौकरी ढूँढने के बजाये, मैंने घर बैठना बेहतर समझा. ठीक छह मई की सुबह माता जी ने कपड़े धोना छोड़ […]



परछाईं की नाँव: शुभाशीष चक्रवर्ती

कथा / Fiction

नये सिले कपड़े की खुशबू उसके पास से आती है. एक वृद्ध महिला के साथ वह सीढ़ियाँ संभलकर उतरती है. वह जेनेट है, मैं जानता हूँ. उसकी कहानी ‘एनडेन्जर्ड लव’ का अनुवाद मैंने पढ़ा है. कहानी की शुरूआत एक युवक के परिचय से होती है. वह एक छात्र है जो अपनी प्रेम कहानियाँ जेनेट को […]



आकी काउरिसमाकी – अबोलेपन का व्‍याकरण: गीत चतुर्वेदी

कथेतर / Non-Fiction

लगातार शून्‍य में देखते घबराए हुए-से चेहरे, देर तक की चुप्‍पी के बाद अप्रत्‍याशित रूप से आया कोई संवाद, निम्‍न मध्‍यवर्ग के जीवन की छोटी-छोटी आकांक्षाएं और उन्‍हें पूरा करने की राह में आने वाली बाधाएं, चीज़ों को न कर पाने, न कह पाने का बेचैन रोज़नामचा, लगातार टूटते और उसी रफ़्तार से नए बनते […]